पिछले लगभग 7 महीने से लापता जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एम.एस.सी. (बायोटेक्नोलॉजी) के छात्र नजीब अहमद का केस दिल्ली हाईकोर्ट ने सी.बी.आई. (CBI) को सौंप दिया है। अदालत ने केस सी.बी.आई. को सोपंते हुए विशेष निर्देश दिए की केस की जांच की अगुआई कम से कम डी.आई.जी. रैंक के अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश नजीब अहमद की मां श्रीमती फातिमा नफीस द्वारा लगाई गई याचिका पर दिया है।
बदायूं ज़िले के रहने वाला छात्र नजीब अहमद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एम.एस.सी.(बायोटेक्नोलॉजी) फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है। 15 अक्टूबर 2016 से नजीब लापता है। जे.एन.यू. में हॉस्टल यूनियन चुनाव के समय ABVP के छात्र नेता से उसका विवाद हुआ था, और नजीब के साथ साथ मारपीट की गई थी, उसके बाद से ही नजीब अहमद लापता है। नजीब परिवार और उसके साथियों ने पुलिस प्रशासन से लेकर राजनेताओं तक हर जगह गुहार लगाई। 7 महीने से नजीब की माँ अपने बेटे के लिए तड़प रही है। माँ के लिए
अपने बेटे की याद में एक एक पल गुज़ारना कितना मुश्किल होगा हम अंदाज़ा भी नहीं
लगा सकते। नजीब लिए जे.एन.यू. के स्टूडेंट्स और काफी लोगों नजीब की माँ का साथ दिया। नजीब के लिए लोगों ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह आवाज़ उठाई। लम्बे संघर्ष के बाद आखिरकार दिल्ली हाईकोर्ट ने नजीब का केस सी.बी.आई. (CBI) को सौंपा है उम्मीद है सी.बी.आई. (CBI) इस केस की जाँच सही तरीके से करेगी और जल्दी ही नजीब का पता चलेगा। अपने बेटे के इंतज़ार में तड़पती नजीब की माँ जल्दी ही नजीब से मिल सकेंगी।
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