बहुत से लोगो को गद्य (कहानी, लेख, निबंध, संस्मरण
आदि) की तुलना में पद्य (काव्य, भजन, गाने आदि) लुभाता है। उनके अनुसार
अक्सर जो बातें कहानी या अधिक शब्दों के लेख में डाइल्यूट हो जाती हैं वो
कविता की कुछ पंक्तियों में साज-श्रृंगार के साथ निखर कर आती है। क्या दो
कलाओं का मिश्रण हो सकता है? इस सवाल पर मंथन करते हुए लेखक-कवि मोहित
शर्मा जी के मन में कविता और कला के संगम से काव्य कॉमिक्स बनाने का विचार
आया। इस बारे में वो बताते हैं - "कॉमिक्स या चित्रकथा में भी कहानी के साथ
कला का संगम होता है। कड़ियों में पिरोये दृश्य एक दूसरे से बंधे बढ़ते जाते
हैं। बस हमें पोएट्री और आर्ट को ऐसे साथ में देखने की आदत नहीं है बाकी
ज़्यादा अंतर नहीं है। कलाओं के मिश्रण को अशुद्ध माना जाता है जबकि मैं
हमेशा प्रयोग करने का पक्षधर रहा हूँ। बिना प्रयोग किये प्यूरिस्ट बंधनों
में हम लोग कितनी बातें खो देते हैं। केवल नियम बाँध देने से कोई फायदा
नहीं होता।"
2010 में 84 टीयर्स से शुरू हुई
काव्य कॉमिक्स श्रृंखला में लगभग डेढ़ दर्जन शार्ट काव्य कॉमिक्स प्रकाशित
हो चुकी हैं। जिनमे पृष्ठों की संख्या 5 से लेकर 22 रही है। इस वर्ष
प्रकाशित हुई कद्र, मतलबी मेला और जुग जुग मरो को एप्स और वेबसाइट्स पर
अच्छा रिस्पांस मिला है। पिछली कुछ कॉमिक्स में एकसाथ 2 कवितायें, नज़्में
पढ़ने को मिल रही हैं जिसका कारण है कि कॉमिक पूरी होते-होते अक्सर कई
महीने, साल तक लग जाते हैं। तो पुरानी कविता जिसपर मूल कॉमिक बन रही है
उसके अलावा उस काव्य की थीम पर कुछ नया जोड़ने का प्रयास किया जाता है।
काव्य कॉमिक्स ने ऑनलाइन पोर्टल्स पर अपनी अच्छी फॉलोइंग बना ली है।
हालांकि, अभी आम कॉमिक्स जैसी व्यावसायिक बात नहीं दिखती। इस अंतर पर मोहित
कहते हैं कि काव्य में सिकुवेंस दर्शाना थोड़ा मुश्किल काम है। कई बार बात
सीधी ना होकर प्रतीकात्मक पंक्ति में होती हो जिसे चित्रों की कड़ी में
पिरोना कठिन हो जाता है। साथ ही पढ़ने वाले को जैसे रस की आदत है यह उस से
अलग है। अधिकतर कविताओं की लंबाई एक कहानी से काफी कम होती है ऐसे में पद्य
को इस तरह लिखना कि प्रकाशन मान्य संख्या में पन्ने हो जाएं एक चुनौती है।
इस कारण व्यावसायिक स्तर पर आने में समय लगेगा। इन बंधनों की वजह से मोहित
के अलावा कोई पोएट्री कॉमिक लिखता नहीं दिखाई पड़ता। चुनौतियों से ध्यान
हटाएं तो कुछ सुखद बातें भी हैं। जैसे उभरते कलाकारों को शार्ट कॉमिक्स में
अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलना। कविता, नज़्म को जीवंत होते देखने का
एहसास। ऐसे प्रयोगों की छूट जो आम कॉमिक्स में देखने को नहीं मिलते।
सामाजिक मुद्दों, इतिहास, प्रेम जैसे विषयों पर यह विधा जादू सा काम करती
है।
फ्रीलैंस टैलेंट्स के बैनर तले और अन्य
प्रकाशनों के सहयोग से आगे काव्य कॉमिक्स आती रहेंगी। काव्य कॉमिक्स में
अपार संभावनाएं दिखती हैं और इस विधा के परिचय के बाद ये महत्वपूर्ण है कि
अन्य कवि, कलाकार भी पोएट्री कॉमिक बनाने में रूचि लेकर इसे व्यावसायिक
स्तर तक आगे बढ़ाएं। क्या यह विधा मोहित तक सीमित रहेगी ये आने वाला समय
बताएगा।
https://www.facebook.com/kavya.comics
http://mohitness.blogspot.in
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Kavya Comics cover karne ke liye dhanyavaad!
ReplyDeleteआपका स्वागत है
Deleteकाव्य कॉमिक्स के रूप में आपका प्रयोग लाजवाब है, आपका प्रयास देश में काव्य कॉमिक्स को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा उम्मीद है भविष्य में हमें आपके द्वारा और भी काव्य कॉमिक्स पड़ने को मिलेंगी।