कॉमिक्स
कलाकारों / लेखकों / प्रकाशकों के इंटरव्यू
की विशेष श्रंखला
में आज एक
खास इंटरव्यू में
हम आपको रूबरू
करवा रहे हैं रेड
स्ट्रीक पब्लिकेशन के संस्थापक अभिषेक
बोस जी से। अभिषेक जी ने कॉमिक्स
के प्रति अपने
लगाव और जूनून
को आगे बढ़ाते
हुए खुद अपनी
कॉमिक्स कंपनी स्थापित की है।
अभिषेक जी के
पब्लिकेशन की शुरूआती
दोनों कॉमिक्स Ashes-Adhish Origins और Adhish Epiphany को
कॉमिक्स फैन्स ने काफी
पसंद किया है।
आइये अभिषेक जी से उनसे
कॉमिक्स फैन से
कॉमिक्स मेकर बनने के
सफर के बारे
में जानते हैं।
अभिषेक जी इस विशेष इंटरव्यू में आपका स्वागत है।
सवाल
1 : कॉमिक्स के प्रति
अपने जूनून और अपने जीवन
के अब तक
के सफर के
बारे में बताएं।
जवाब
: मैं तक़रीबन क्लास 4 में
था जब पहली
बार मेरा कॉमिक्स
से परिचय हुआ.
मेरे पिताजी ऑफिस
यात्रा पर बाहरगए थे और
स्टेशन से आते
आते उन्होंने मेरे
लिए ''नागराज और जादूगर
शाकुरा'' खरीदी. इस कॉमिक्स
में खास बात
यह भी थी
की इसके क्लाइमेक्स
में बैटमैन सुपरमैन
और स्पाइडरमैन भी
आते है जिन्हे
मैं पहले कार्टून
के तौर पर
टीवी पर देख
चूका था. अंतराष्ट्रीय
हीरोज के साथ
एक अनोखे भारतीय
सुपरहीरो को देखना
मेरे लिए सपने
से काम नहीं
था. बस उस
दिन से जैसे
और जहा से
हो पाया मैंने
भारीतय कॉमिक्स खरीदकर पढ़ना
शुरू कर दिया.
बचपन में मेरे
सबसे प्रिय किरदार
थे राज कॉमिक्स
का नागराज, इंद्रजाल
का फैंटम और
डायमंड कॉमिक्स का फौलादी
सिंह।
सवाल
2 : खुद अपनी
कॉमिक्स कंपनी बनाने का
आईडिया कैसे आया
?
जवाब
: मुझे बचपन से
ही कहानिया लिखने
का शौक रहा
है और कॉमिक्स
की काल्पनिक दुनिया
ने शुरू से
ही मुझे अपनी
ओर आकर्षित किया
है. मुझे याद
है जब मई
अपने जीवन की
पहली सुपरहीरो मूवी
X Men देख कर आया
था तो घर
लौटते ही मई
पेंसिल और कॉपी
लेकर बैठ गया
था और मूवी
की किरदार ROGUE पर
स्पिन ऑफ स्टोरी
लिखी थी. कॉमिक्स
पढ़ कर भी
मै कई फैन
फिक्शन लिखा करता
था. इस तरह
बचपन से ही
कई स्टोरीलाइन मेरे
पास बनती चली
गयी.कॉलेज में
मैंने निर्णय लिया
की भारत की
माटी से जुड़े
एक ऐसे सुपरहीरो
की कहानी लाना
चाहता हु जो
अंतराष्ट्रीय प्लेटफार्म पर भी
स्टैंड कर सके.
आप जैसे लोगो
के साथ और
सहयोग क वजह
से ही मै
उसे प्रस्तुत करने
में कामयाब हो
पाया हु
सवाल
3 : आपके आगामी
प्रोजेक्ट्स के बारे
में कुछ बताएं
?
जवाब
: अब हम सिर्फ
सुपरहीरो जॉनर तक
ही सीमित नहीं
रहने वाले है.
एक क्राइम थ्रिलर
कॉमिक Mallory का काम
समाप्ति की कगार
पर है. इसी
के साथ साथ
हम ऑनलाइन प्लेटफार्म
पर मोशन कॉमिक्स
पर भी काम
शुरू है जिसमे
इंडस्ट्री के बडिंग
टैलेंट्स जैसे अमित
कुमार जी और
हरेंद्र सैनी जी
काम कर रहे
है. इसी के
साथ ही साथ
ाधीश सीरीज की
थर्ड नावेल के
भी धमाकेदार एंट्री
की तैयारी शुरू
है
सवाल
4 : टेक्नोलॉजी के दौर
में कॉमिक्स मेकिंग
में बहुत बदलाव
आये हैं, पहले
जहाँ लगभग सभी
काम हाथ से
किये जाते था
वहीँ अब कंप्यूटर
/ लैपटॉप / ग्राफ़िक्स टेबलेट का
इस्तेमाल होता है,
टेक्नोलॉजी के बढ़ते
चलन से कॉमिक्स
मेकिंग को कितना
फायदा पहुंचा है
?
जवाब
: टेक्नोलॉजी के बदलाव
ज्यादातर पॉजिटिव होने के
बावजूद ओल्ड स्कूल
तरीको के नतीजे
ज्यादा इफेक्टिव है. मैन्युअल
पेन्सिलिंग से जो
जान करक्टेर्स में
आती है वो
डिजिटली ला पाना
संभव नहीं. डिजिटल
प्लेटफार्म का यह
भी फायदा है
की अब हम
कॉमिक्स को स्पेशल
इफेक्ट्स के साथ
भी एन्जॉय कर
सकते है. मोशन
कॉमिक्स में यही
अनुभव हम अपने
रीडर्स को देना
चाहते है.
सवाल
5 : पायरेसी ने कॉमिक्स इंडस्ट्री
को काफी नुक़सान
पहुँचाया है आपके
विचार में इसे
रोकने के लिए
किस तरह के
क़दम उठाने चाहिए
?
जवाब
: पायरेसी से पूरी
आर्ट इंडस्ट्री को
शुरू से ही
नुकसान होता आया
है. रीडर्स को
ये समझने की
ज़रूरत की आज
की तारीख में
कॉमिक बुक इंडस्ट्री
इंडिया में एक
डाईंग इंडस्ट्री की
तरह देखि जाती
है. जो भी
आज कॉमिक्स ला
रहे है उनका
एक दूसरा स्त्रोत
है आमदनी का
जिसे वो अपने
कॉमिक्स के प्रति
जूनून के चलते
इसमें लगा रहे
है. ज़्यादातर इंडियन
पब्लिशर्स खुद फैंस
ही है और
पायरेसी से उन्हें
काफी हानि होती
है. रीडर्स में
भी जागरूकता देखने
को मिलती है.
मेरा यही आग्रह
रहेगा सारे इंडियन
कॉमिक्स रीडर्स से जो
आने वाले भविष्य
में भारत का
कंटेंट कॉमिक्स में देखना
चाहते है, की
कॉमिक्स खरीदकर ही पढ़े
और अपने रिश्तेदारों
एवं दोस्तों को
भी प्रोत्साहित करे.
सवाल
6 : आपके दोस्तों
और परिवार के
सदस्यों की आपकी
क्रिएटिविटी पर क्या
राय रहती है
और उनसे कितना
सहयोग मिलता है
?
जवाब
: दोस्तों और परिवार
के सहयोग के
बिना हर इंसान
अधूरा है.मै
खुद को भाग्यशाली
मानता हु के
जीवन के हर
मोड़ पर मुझे
अपने परिवारजनों से
सपोर्ट मिला और
कॉमिक्स जगत में
कई कलाकारों का
प्रोत्साहन और साथ
मिला. इसी तरह
सहयोग बना रहे
तो अवश्य ही
हम साथ मिलकर
इंडियन कॉमिक इंडस्ट्री को
इंटरनेशनल लेवल पर
ले जा सकते
है.
सवाल
7 : अपनी पसंदीदा
कॉमिक्स, लेखक, आर्टिस्ट और
कॉमिक करैक्टर कौन
हैं ?
जवाब
: इतने सारे कृतियों
में से कुछ
चुन पाना बहुत
ही कठिन है.भारतीय कॉमिक्स में
अनुपम सिन्हा का
लेखन मुझे अतुलनीय
लगता है.और
अगर एक कॉमिक
का नाम लेना
हो तो एलन
मूर का वॉचमैन
मेरे लिए बहुत
इम्पैक्टफुल रहा है.
फेवरेट कॉमिक करैक्टर की
बात करे तो
नागराज से शक्तिशाली
तो मै सुपरमैन
को भी नहीं
मानता!!
सवाल
8 : आपके हिसाब से एक
अच्छी कॉमिक्स के
क्या मापदण्ड हैं
?
जवाब
: मेरी राय
में एक अच्छी
कॉमिक्स के कोई
मापदंड नहीं है.
कॉमिक्स एक आर्ट
फॉर्म है और
जो भी आर्ट
दिल से निकले
वो अच्छा ही
होता है. कई
आर्टिस्ट्स की कई
दिनोंऔर रातो की मेहनत
के परिणाम में
एक कॉमिक बनकर
निकलती है. उसे
उसी दृष्टि से
निहारना चाहिए. परन्तु जो
भी चीज़ सिर्फ
मार्केट और सेल्स
के मद्देनज़र रख
कर बनाया जाय
वो दिल को
नहीं छू पाती
और कॉमिक्स बनाते
वक़्त उस चीज़
का खास ख्याल
करना बहुत महत्वपूर्ण
है.
सवाल 9 : आपका पसंदीदा
स्पोर्ट, फिल्म, बॉलीवुड / हॉलीवुड
कलाकार कोन है ?
जवाब
: मेरी ऑल टाइम
फेवरेट मूवी है
गॉडफादर.भावनाओ को कैसे
स्ट्रॉन्ग्ली परदे पर
पोर्ट्रे करना चाइये
लोग उस मूवी
से सीख सकते
है.इसके अलावा
मुझे जैक स्नाइडर
और अयान मुख़र्जी
का निर्देशन बेहद
पसंद है. ३००
और वेक उप
सीड जैसी मूवीज
अपने अपने जगह
पर मास्टरपीस है.
स्पोर्ट्स में मेरी
शुरू से ही
कोई ज्यादा रूचि
न रहने की
वजह से किसी
एक का नाम
लेना उचित नहीं
होगा
सवाल 10 : आप अपने जीवन
में सबसे ज़्यादा
किससे प्रभावित है
और किसे अपना
रोल मॉडल मानते
हैं ?
जवाब
: मेरे लिए मेरे
रोल मॉडल मेरे
पिताजी है. उनका
और मेरा रिश्ता
शुरू से ही
बाप बेटे का
कम और दोस्ती
का ज्यादा रहा
है. जिस तरह
से वो कर्मनिष्ट
है उसका अगर
मै आधा भी
बन पाउ तो
खुद को भाग्यशाली
समझूंगा
सवाल
11 : भारतीय कॉमिक्स और विदेशी
कॉमिक्स में तुलना
करने पर आप
क्या अन्तर पाते
हैं ?
जवाब
: सबसे बड़ा अंतर
तो रीडरशिप का
है. भारत में
कॉमिक्स को बच्चो
की चीज़ मानकर
नाकारा जाता है
जबकि विदेशो में
हर प्रकार के
रीडर मौजूद है
और इसी कारन
वैरायटी ऑफ़ कंटेंट
भी है. जापान
का माँगा इसका
सबसे अच्छा उदहारण
है जहा एडल्ट
से लेकर हर
सीरियस टॉपिक के कॉमिक्स
को भी खुले
दिल से अपनाया
और सराहा जाता
है. भारत में
भी लोगो को
इसे सिमित दृष्टिकोण
से न देखकर
मूवीज की तरह
ही एक आर्ट
फॉर्म के रूप
में देखना चाहिए
सवाल
12 : आपके जीवन में कॉमिक्स से जुडी कोई ऐसी घटना घटी हो जो आपको आज तक गुदगुदाती हो या
चेहरे पर हंसी लाती हो ?
चेहरे पर हंसी लाती हो ?
जवाब
: मै क्लास 8 में था
और छूप छुपा
कर स्कूल में
कॉमिक्स ले जाया
करता था. गेम्स
पीरियड में जब
बच्चे धुप में
खेल रहे होते
तो मै ग्राउंड
का एक कोना
पकड़ कर कॉमिक्स
पढ़ा करता था.
एक बार मेरी
ही क्लास का
एक लड़का मुझसे
प्रभावित होकर खुद
भी कॉमिक्स लेकर
आया. भाग्यवश ना
जाने कैसे उसके
पास हल्क का
डाइजेस्ट हाथ लग
गया था. उन
दिनों हमारे छोटे
शहर में विदेशी
कॉमिक्स का मिलना
बहुत रेयर बात
थी.मेरी नज़र
उस इशू पर
टिक चुकी थी.
मैंने उस लड़के
को बहुत प्रलोभन
दिए और आखिरकार
एक beyblade देकर उससे
कॉमिक्स का सौदा
किया. वो इशू
आज भी मेरे
शोकेस में सज्जित
है और जब
भी उसे देखता
हु बचपन की
यादो से चेहरे
पे मुस्कान आ
ही जाती है.
सवाल
13 : भारत में
कॉमिक्स के भविष्य
के बारे बारे
में क्या सोचते
हैं ?
जवाब
: भारतीय कॉमिक्स का भविष्य
उज्ज्वल होता नज़र
आ रहा है.
बहुत सारे नए
पब्लिशर्स पूरी जी
जान से इस
इंडस्ट्री को revive करने में
लगे हुए है
जिनमे से एक
मै भी हु.
बस लोगो का
साथ बेहद ज़रूरी
है. हमे ये
बात समझनी होगी
क पब्लिशर्स और
रीडर्स दोनों के कंधो
पर टिक कर
ही है इंडस्ट्री
उचाईयो पर पहुंचेगी.एक भी
कन्धा डगमगाया तो
गिर गिर कर
उठेगी. रीडर्स अगर नए
कंटेंट और आर्टिस्ट
को सपोर्ट करेंगे
तो भारतीय कॉमिक्स
के तारे चमकने
में देर नहीं
लगेगी. लोगो को
चाहिए की हर
नए पब्लिशर की
कॉमिक खरीदकर उन्हें
सपोर्ट करे.
सवाल 14 : नए आर्टिस्ट जो कॉमिक्स
इंडस्ट्री में अपना
कैरियर बनाना चाहते हैं
उन्हें मार्गदर्शन के लिए
आप क्या राय
देना चाहेंगे ?
जवाब
: मै सिर्फ इतना कहना
चाहूंगा की कॉमिक
में करियर बनाना
भारत में बहुत
ही कठिन राह
है. अगर आप
फिनांकिअल्ली सिक्योर है तभी
इसमें पूर्णतः आगे
बढे या फिर
अपना एक अलग
स्टेबल करियर ऑप्शन रखते
हुए अपने पैशन
के लिए वक़्त
निकाले और कॉमिक
इंडस्ट्री में कंट्रीब्यूट
करे
सवाल
15 : अंत में
कॉमिक्स फैंस को क्या
संदेश देना चाहेंगे?
जवाब
: भारतीय कॉमिक फैंस से
मेरा यही आग्रह
रहेगा की एक्सपेरिमेंट
करने से न
घबराये. माना की
जो करैक्टरस हम
बचपन से पढ़ते
आये है उनकी
हमारे दिल में
एक अलग जगह
है और हमेशा
रहेगी परन्तु कई
नए पब्लिशर्स आपके
लिए नए किरदार
और कहानिया लाने
का निरंतर प्रयास
कर रहे है.
उन्हें भी खुले
दिल से स्वीकारे
और सराहे. धन्यवाद
अभिषेक जी अपने क़ीमती वक़्त से हमारे इंटरव्यू के लिए वक़्त देने के लिए आपका बहुत
शुक्रिया। हम उम्मीद करते हैं भविष्य में हमें रेड स्ट्रीक पब्लिकेशन द्वारा निर्मित बेहतरीन कॉमिक्स पड़ने को मिलेंगी। भविष्य के लिए हमारी हार्दिक
शुभकामनायें.
शहाब ख़ान
©Nazariya Now
No comments:
Post a Comment