कॉमिक्स/ किताब, कलाकारों / लेखकों / प्रकाशकों के इंटरव्यू की विशेष श्रंखला में
आज एक खास इंटरव्यू में हम आपको रूबरू करवा रहे हैं देश के मशहूर और सीनियर लेखक जनाब आबिद रिज़वी साहब
से। आबिद रिज़वी साहब ने अनेकों किताबों और कॉमिक्स के लिए लेखन किया है।
आबिद रिज़वी साहब हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखते हैं। साहित्य जगत में
उनका योगदान अतुलनीय है। साहित्य में उनके योगदान के लिए अनेकों सम्मानों से सम्मानित किया गया है। आबिद रिजवी साहब आज भी लेखन में सक्रिय हैं। नए
लेखकों ने लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं। आइये आबिद रिज़वी साहब से उनकी
ज़िंदगी के रोमांचक
और कामयाब सफ़र के बारे में जानते हैं।
सर, इस विशेष इंटरव्यू में आपका स्वागत है। मेरे लिए बहुत खुशी की बात है जो आप जैसी बड़ी शख्सियत के साथ इंटरव्यू करने का मौका मुझे मिला।
सवाल 1 : आपको लेखन की प्रेरणा कब और कहां से मिली? आप कब से लेखन कार्य में संलग्न हैं?
जवाब : हाईस्कूल करने के दौरान शरत् चन्द्र और मुंशी प्रेमचन्द के लेखन, भाषा-शैली से प्रभावित होकर प्यारे लाल ‘आवारा’ के उपन्यासों को पढ़कर लिखने का प्रयास 1958 में शुरू किया। सन् 1960 में बाकायदा लिखने लगा।
सवाल 2 : लेखन के अलावा आपके शौक और क्या-क्या हैं?
जवाब : स्टेज प्ले करना। उप्टा नाट्य संस्था, मेरठ से जुड़ा हुआ हूं। कई स्टेज प्ले में हिस्सा ले चुका हूं।
सवाल 3 : आपको कैसा साहित्य पढ़ने का शौक है? कौन से लेखक और किताबें आपको विशेष पसंद हैं?
जवाब : सभी प्रसिद्ध हिन्दी, उर्दू के साहित्यकारों की कृतियां-उपन्यास, कहानी, निबंध लेख। वृंदावन लाल वर्मा, महादेवी, प्रेमचन्द, शौकत थानवी, मंटो। प्रेमचन्द की कहानी कफन, उपन्यास गोदान विशेष पसंद हैं ।
सवाल 4 : आपकी पहली रचना क्या थी? वह कब लिखी गई और कौनसी पत्र-पत्रिका में प्रकाशित हुई?
जवाब : सन् 1960 में मृणालिनी पत्रिका में पहली कहानी ‘जगुआ की मां’ कहानी प्रकाशित हुई थी।
सवाल 5 : आपके परिवार और दोस्तों की आपके काम पर क्या राय रहती है और उनसे कितना सहयोग मिलता है?
जवाब : मेरा सहयोग सबके साथ रहता है। सबका सहयोग मेरे साथ रहता है। प्यार और स्नेह बांटना स्वभाव है, सब उसी रूप में मुझसे व्यवहार करते हैं, जैसा मुझसे पाते हैं। परिवार हर बात, हर काम में सहायक। दोस्त कम। पर जो हैं, उनका सहयोग हमेशा मिलता है।
सवाल 6 : आप अपने जीवन में सबसे ज्यादा किससे प्रभावित हैं और किसे अपना रोल मॉडल मानते हैं?
जवाब : स्व. प्यारे लाल ‘आवारा’ जो सिरकी बीनने वाले अत्यन्त गरीब परिवार से थे और प्रेरणा देते थे कि इंसान अपने कर्म से अपना भाग्य निर्माण करता है। उनके बाद मैं स्वयं खुद का रोल मॉडल हूं।
सवाल 7 : आपका पसंदीदा स्पोर्ट, फिल्म, बॉलीवुड/हॉलीवुड कलाकार कौन है?
जवाब : हॉकी, फिल्म प्यासा, बॉलीवुड फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार जिनकी कोई फिल्म देखने से नहीं छोड़ी। हॉलीवुड फिल्में देखने का शौक नहीं क्योंकि डॉयलॉग समझने योग्य अंग्रेजी का जानकार नहीं।
सवाल 8 : आपकी रचनाओं के किरदार आप कहां से चुनते हैं?
जवाब : अपने आसपास के समाज से। लोगों के घर-परिवार के सुनाए दुःखड़ों से पात्र निकलकर आते हैं।
सवाल 9 : किस रचना ने लेखन के दौरान मन को सबसे ज्यादा प्रभावित किया?
जवाब : ईदगाह के बालक हमीद ने, जो दादी के लिए चिमटा खरीद कर मेले से लाता है।
सवाल 10 : आपने कॉमिक्स के लिए भी लेखन किया है। आपके हिसाब से कॉमिक्स लेखन और नॉवेल लेखन में क्या
अंतर है?
जवाब : कॉमिक्स में आयु वर्ग को ध्यान में रखकर, सुपर मानव की रचना या आदर्श स्थापित करने वाले पात्रों की रचना करनी होती है। नॉवेल लेखन में मनोरंजनात्मक सामग्री का ही ध्यान रखना होता है।
सवाल 11 : नई जनरेशन की रुचि किताबों में कम है ये चिंता का विषय है, उन्हें किताबों से जोड़ने के लिए क्या
किया जाना चाहिए?
जवाब : मेरे विचार अन्य से अलग हैं-नई जेनरेशन की किताबों में रुचि कम नहीं, इसलिए चिंता का विषय नहीं। यह वक्त़ी तारै का बदलाव है, लोग टी.वी. से ऊब चुके हैं नेट से जुडे़ हैं पर इससे भी ऊबेंगे । किताबों की ओर सरकेंगे। हज़ारों लोग नित्य मोबाइल पर कहानियां पढ़ते हैं। अच्छी चीज पढ़ने को मिलेगी तो किताब हाथ में लेंगे।
सवाल 12 : हिन्दी साहित्य का भविष्य आप कैसा देखते हैं?
जवाब : साहित्य अमर होता है, बशर्ते साहित्य हो। भविष्य सुरक्षित है, रहेगा। नये लेखक भी सामने आ रहे हैं, पुरानों का लिखना बरक़रार है। जिसे लिखने की धुन है, वह अंतिम सांस तक लिखेगा। यही बात पढ़ने वाले पर लागू होती है।
सवाल 13 : हिन्दी के अलावा आप उर्दू में भी लिखते हैं, उसके बारे में कुछ बताइए?
जवाब : उर्दू में पेशेवाराना लिखता हूं-नॉवल, कहानी नहीं। मेरे नाम की मांग के आधार पर अरिहन्त प्रकाशन, प्रतियोगिता की पुस्तकें मुझसे लिखाते-छापते हैं। उर्दू में जहां प्रतिभागिता जरूरी होती है, मेरी सेवा ली जाती है।
सवाल 14 : कहानियों के अलावा साहित्य की और किस विधा में आपकी कलम यात्रा करती है?
जवाब : जीवनियां। भारत और विश्व के प्रसिद्ध राजनेताओं, वैज्ञानिकों, इतिहास पर 100 से अधिक किताबें लिख चुका हूं। अमेजन पर काफी सारी मौजूद हैं।
सवाल 15 : साहित्य के क्षेत्र में मीडिया और इण्टरनेट की भूमिका आप कैसी मानते हैं?
जवाब : अत्यन्त सहायक। इण्टरनेट से हम साहित्य और साहित्यकारों के बारे में ज्यादा-से-ज्यादा जान सकते हैं, पढ़ सकते हैं। जैसे-मुंशी प्रेमचन्द का सारा साहित्य इण्टरनेट पर है। जयशंकर ‘प्रसाद’ तथा अन्य लेखकों की कृतियां भी हैं।
सवाल 16 : लोगों को किताबों से जोड़ने के लिए देश/विदेश में लिटरेचर फेस्टिवल्स आयोजित किए जाते हैं, इन
फेस्टिवल्स को आप किस रूप में देखते हैं?
जवाब : फेस्टीवल आयोजित करना अच्छा है। परन्तु आम जन/ग़रीब लेखक, पाठक के लिए अधिक मुफ़ीद नहीं। वह वहां तक पहुंच नहीं सकता, धनाभाव के कारण। समर्थवान शिरकत करते हैं। शायद उनके लिए ही ऐसे आयोजन होते हैं। आम जन के लिए इंटरनेट रोज फेस्टीवल का आनन्द प्रदान और शौक पूरा करता है।
सवाल 17 : साहित्य को आप अपने तरीके से कैसे परिभाषित करते हैं?
जवाब : सत्+ साहित्य। संदेश परक। समाज का दर्पण। व्यवस्था और व्यवस्था में जीने वाले लोगों का सही चित्रण साहित्य का मूलाधार हो।
सवाल 18 : नए लेखकों को मार्गदर्शन के लिए आप क्या सलाह देना चाहेंगे?
जवाब : यदि संवेदनशील हों, किसी ‘वाद’ के कट्टर न हों, तभी लिखने की सोचें। अधिक पढ़ें। शुरू में लिखें कम। आपकी रुचि किसी भी विषय में लिखने की हो-जासूसी, सामाजिक, कहानी या अन्य। पर अपने विषय की रुचिकर पुस्तक के साथ अन्य विषयों को भी पढ़ें। ज्ञान विस्तृत होता है। जितना ही ज्ञान विस्तृत होगा, पाठक उतना ही आपकी लेखनी का कद्रदां होगा।
सवाल 19 : अंत में पाठकों क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब : पढ़ने का शौक है तो अच्छी रचनाएं पढ़े। सामाजिक सदाचार और राष्ट्रीय एकता का संदेश देने वाली रचनाओं को विशेष महत्व दें। केवल फंटासी पढ़कर आपका मनोरंजन तो हो सकता है परन्तु जो भाव समाज और राष्ट्र की एकता के लिए पैदा होना चाहिए, उससे दूर होते जाएंगे।
सर अपने क़ीमती वक़्त से हमारे इंटरव्यू के लिए वक़्त देने के लिए आपका बहुत
शुक्रिया। इस इंटरव्यू के माध्यम से हमें आपको और आपके काम के बारे में
जानने का मौक़ा मिला। आप हम सभी के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं। आपके द्वारा दी गई महत्वपूर्ण
जानकारियां लेखकों और पाठकों के लिए बहुत
उपयोगी साबित होंगी. हम उम्मीद करते हैं भविष्य में भी आप लगातार साहित्य जगत में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे और हम आपके बेहतरीन लेखन से रूबरू होते रहेंगे। हमारी हार्दिक शुभकामनायें.
शहाब ख़ान
आबिद रिजवी साहब की मुख्य विशेषता यह है कि वह संवेदनशील व्यक्ति के साथ साथ अति मानवीय हैं मेरे छात्र जीवन में मुझे हमेशा रुपए देते थे रणधीर सिंह सुमन एडवोकेट बाराबंकी
ReplyDeleteआबिद रिजवी के बारे में बहुत अच्छी जानकारी प्रदान की।
ReplyDeleteआबिद रिजवी साहब की कुछ जानकारी यहाँ भी उपलब्ध है।
http://sahityadesh.blogspot.in/2017/06/blog-post_8.html?m=0
आबिद जी के विषय में काफी जानकारी मिली। उन्होंने सही कहा अच्छा लिखा जायेगा तो पढ़ा भी जायेगा। साक्षात्कार के लिए शुक्रिया।
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