हमारे देश में मानसिक रोगों को लेकर लोगों में विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां हैं। अक्सर लोग किसी मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति को पागल मानते है। कई बार तो मानसिक रोग को भूत प्रेत का साया मानकर तांत्रिक ओझाओं के चंगुल में फंस जाते है, जिसमे उनका पैसा और समय बर्बाद तो होता ही साथ ही मरीज़ को सही इलाज न मिल पाने की वजह से उसकी हालत और बिगड़ती जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी ख़राब है। कारण सिर्फ एक है जानकारी का आभाव और जागरूकता की कमी। जिसके कारण हर मानसिक रोग को पागलपन या भूत प्रेत मान लिया जाता है। ऐसे ही एक प्रकार के मानसिक रोग एलियन हैंड सिंड्रोम (ए.एच.एस) के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए फ्रीलान्स टैलेंट्स द्वारा एक शार्ट फिल्म ''Kathputli: A Struggle for Control'' का निर्माण किया गया है। फिल्म की कहानी एलियन हैंड सिंड्रोम नामक मानसिक रोग से पीड़ित युवती अंकिता पर केंद्रित है। फिल्म में एलियन हैंड सिंड्रोम पीड़ित व्यक्ति की समस्याओं के बारे में बताया गया है। साथ ही यह संदेश भी मिलता है कि व्यक्ति को किसी रोग या अनियमितता के लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
एलियन हैंड सिंड्रोम (ए.एच.एस) मस्तिष्क और स्नायु तंत्र से जुड़ा एक विकार है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति का एक हाथ उसके नियंत्रण में नहीं रहता। आम तौर पर, यह सिंड्रोम मस्तिष्क पर किसी आघात की वजह से होता है। ऐसा आघात ब्रेन सर्जरी, संक्रमण या दुर्घटना के कारण हो सकता है। एलियन हैंड सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को अपने हाथ में कुछ संवेदना तो महसूस होती है लेकिन व्यक्ति का अपने हाथ द्वारा किये जाने वाले का कार्यों पर नियंत्रण नहीं होता। ऐसा लगता है, जैसे हाथ मस्तिष्क के संदेश से अलग अपनी मर्ज़ी से काम कर रहा है। इस समस्या के कारण न चाहते हुए भी व्यक्ति का एक हाथ चीज़ों को पकड़ने, दूसरों को और खुद को नुक्सान पहुँचाने जैसे काम करता है। ए.एच.एस से व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
फिल्म में सभी कलाकारों का काम प्रशंसनीय है। फिल्म में एक्टिंग, निर्देशन में अनुराग त्रिपाठी, अंकेरचित सिंह, मोहित शर्मा, अंकिता त्रिपाठी, मीना यशपाल, अनिरुद्ध यशपाल, लता आशुतोष सक्सेना, एडिटर कमल जोशी पूरी टीम ने बेहतरीन काम किया है। पार्श्व संगीत मन को मोहने वाला है, जिसके लिए संगीत कलाकारों आशुतोष सक्सेना, डेना ग्लोवर और केविन मैक्लॉएड की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। एडिटिंग, अभिनय और कहानी में कुछ जगह बेहतर होने की गुंजाईश थी। शायद बजट कम होने के कारण कुछ कमियां रह गयीं जो स्वाभाविक है। फ्रीलान्स टैलेंट्स द्वारा फिल्म के माध्यम लोगों को एलियन हैंड सिंड्रोम नामक मानसिक रोग के बारे में जागरूक करने का एक बेहतरीन प्रयास किया गया है। निश्चित ही ये फिल्म लोगों को मानसिक रोगों के बारे जागरूक करने में कारगर साबित होगी।
Rating : 5/3.8
फिल्म YouTube और अन्य कई वेबसाइट पर उपलब्ध है।
एलियन हैंड सिंड्रोम (ए.एच.एस) मस्तिष्क और स्नायु तंत्र से जुड़ा एक विकार है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति का एक हाथ उसके नियंत्रण में नहीं रहता। आम तौर पर, यह सिंड्रोम मस्तिष्क पर किसी आघात की वजह से होता है। ऐसा आघात ब्रेन सर्जरी, संक्रमण या दुर्घटना के कारण हो सकता है। एलियन हैंड सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को अपने हाथ में कुछ संवेदना तो महसूस होती है लेकिन व्यक्ति का अपने हाथ द्वारा किये जाने वाले का कार्यों पर नियंत्रण नहीं होता। ऐसा लगता है, जैसे हाथ मस्तिष्क के संदेश से अलग अपनी मर्ज़ी से काम कर रहा है। इस समस्या के कारण न चाहते हुए भी व्यक्ति का एक हाथ चीज़ों को पकड़ने, दूसरों को और खुद को नुक्सान पहुँचाने जैसे काम करता है। ए.एच.एस से व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
फिल्म में सभी कलाकारों का काम प्रशंसनीय है। फिल्म में एक्टिंग, निर्देशन में अनुराग त्रिपाठी, अंकेरचित सिंह, मोहित शर्मा, अंकिता त्रिपाठी, मीना यशपाल, अनिरुद्ध यशपाल, लता आशुतोष सक्सेना, एडिटर कमल जोशी पूरी टीम ने बेहतरीन काम किया है। पार्श्व संगीत मन को मोहने वाला है, जिसके लिए संगीत कलाकारों आशुतोष सक्सेना, डेना ग्लोवर और केविन मैक्लॉएड की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। एडिटिंग, अभिनय और कहानी में कुछ जगह बेहतर होने की गुंजाईश थी। शायद बजट कम होने के कारण कुछ कमियां रह गयीं जो स्वाभाविक है। फ्रीलान्स टैलेंट्स द्वारा फिल्म के माध्यम लोगों को एलियन हैंड सिंड्रोम नामक मानसिक रोग के बारे में जागरूक करने का एक बेहतरीन प्रयास किया गया है। निश्चित ही ये फिल्म लोगों को मानसिक रोगों के बारे जागरूक करने में कारगर साबित होगी।
Rating : 5/3.8
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