कॉमिक्स/किताब कलाकारों/लेखकों प्रकाशकों के इंटरव्यू की विशेष श्रंखला में आज एक खास इंटरव्यू में हम आपको रूबरू करवा रहे हैं लेखक श्री आलोक कुमार जी से । आलोक कुमार जी की पहली किताब ‘’The चिरकुट्स’’को पाठकों ने बहुत पसंद किया है। अपने लेखन के खास अंदाज़ से आलोक जी ने पहली ही किताब में
पाठकों के दिलों में अपनी ख़ास जगह बनाई है। आइये आलोक जी से उनकी ज़िंदगी के रोमांचक और क़ामयाब सफ़र के बारे में जानते हैं ।
सर, इस विशेष इंटरव्यू में आपका स्वागत है।
पाठकों के दिलों में अपनी ख़ास जगह बनाई है। आइये आलोक जी से उनकी ज़िंदगी के रोमांचक और क़ामयाब सफ़र के बारे में जानते हैं ।
सर, इस विशेष इंटरव्यू में आपका स्वागत है।
बहुत बहुत धन्यवाद।
सवाल 1 : अपने जीवन के अब तक के सफर के बारे में बताएं ।
जवाब : मेरे जीवन का अब तक का सफ़र किसी भी आम मिडिल क्लास फ़ेमिली के सामान्य लड़के जैसा ही रहा है। मैंने अपनी स्कूल की पढ़ाई दिल्ली में पूरी की और उसके बाद झांसी के BIET इंजीनियरिंग कालेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। फ़िर नौकरी की तलाश मुझे बैंगलोर ले आई और आजकल मेरा पड़ाव वहीं है।
सवाल 2 : आपको लेखन की प्रेरणा कब और कहाँ से मिली ? आप कब से लेखन कार्य में संलग्न हैं ?
जवाब : यदि डायरी के पन्नों को काला करने की प्रक्रिया को लेखन माने तब तो मैं स्कूल के समय से ही लिख रहा हूँ। इसके अतिरिक्त मैं अपने कालेज की पत्रिका के संपादक की भूमिका निभा चुका हूँ और सच कहूँ तो तभी से मैंने लेखन को सीरियसली लिया।
सवाल 3 : लेखन के अलावा आपके शौक और क्या-क्या हैं ?
जवाब : अच्छी किताबें पढ़ना।
सवाल 4 : आपकी पहली रचना क्या थी ? वह कब लिखी गई ?
जवाब : डायरी के पन्नों में कलम घिसते समय मैंने कक्षा छ: में एक साईंस फ़िक्शन लिखा था। वो कहानी आज भी मैंने संभाल कर रखी हुई है।
सवाल 5 : आपके परिवार और दोस्तों की आपके काम पर क्या राय रहती है और उनसे कितना सहयोग मिलता है ?
जवाब : शुरु में तो वही मिडिल क्लास का फ़िक्स डायलाग सुनने को मिला- ''लिखने से पेट नहीं भरता है इसलिए कुछ काम करो।'' मैंने भी उस बात को मानते हुए पहले नौकरी पकड़ी और उसके बाद लिखने पर ध्यान लगाया। आज जब मेरी पहली किताब आ चुकि है तो सभी बहुत प्रसन्न हैं और कुछ लोग तो दूसरी किताब के बारे में भी सवाल करने लगे हैं।
सवाल 6 : आप अपने जीवन में सबसे ज़्यादा किससे प्रभावित है और किसे अपना रोल मॉडल मानते हैं ?
जवाब: अपनी माँ को।
सवाल 7 : आपका पसंदीदा स्पोर्ट, फिल्म, बॉलीवुड / हॉलीवुड कलाकार कौन है ?
जवाब : स्पोर्ट्स खेलने में तो मैं एकदम फ़िसड्डी हूँ। हाँ, कालेज में टेबल टेनिस पर कुछ हाथ जरूर आजमाया था लेकिन उसके बाद वो भी छूट गया। फ़िल्मों में मधुर भंडारकर और अनुराग कश्यप की फ़िल्में पसंद हैं। और बॉलीवुड में नवाजुद्दीन सिद्दकी, अनुपम खेर, इरफ़ान, जैसे कलाकार तो वहीं हॉलीवुड में निकोलस केज और टाम क्रूज जैसे कलाकार पसंद हैं।
सवाल 8 : आपकी रचनाओं के किरदार आप कहाँ से चुनते हैं?
जवाब : अपने आस-पास के लोगों के बीच से।
सवाल 9 :कोई ऐसी रचना जिसने लेखन या पढ़ने के दौरान आपके मन को सबसे ज़्यादा प्रभावित किया हो?
जवाब: राग दरबारी और गुनाहों का देवता
सवाल 10 : हिंदी साहित्य का भविष्य आप कैसा देखते हैं ?
जवाब : वैसे तो सौ करोड़ से अधिक हिन्दी भाषी लोगों के देश में यह सवाल होना ही नहीं चाहिए। लेकिन कुछ समय पहले तक यह एक बहुत महत्वपूर्ण और चिंताजनक प्रश्न हो चुका था। लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल रही हैं। लोग हिन्दी की किताबें पढ़ने लगे हैं और मुझे पूरा यकीन है कि आने वाले सालों में हिन्दी साहित्य अपना मुकाम जरूर हासिल कर लेगा।
सवाल 11 : आपकी किताब ‘’The चिरकुट्स’’ के बारे में कुछ बताइए।
जवाब : ‘’The चिरकुट्स’’ चार दोस्तों की कहानी है जो पहली बार कालेज में मिलते हैं और रैगिंग के भूत से निपटते हुए उन्हें ‘चिरकुट्स’ का यह खिताब मिलता है। इन चारों की कालेज में की गई मस्ती और फ़िर अपने ही एक साथी को उसके प्यार से मिलवाने की जद्दोजहद की दास्तान है यह किताब। मुझे पूरा यकीन है कि इसे पढ़ते हुए पाठकों को उनके कालेज के मस्ती भरे दिन जरूर याद आ जाऐंगे। इसके साथ ही इसमें एक खास संदेश भी है।
सवाल 12 : किताबों / लेखन से जुड़ी आपके जीवन की कोई मज़ेदार घटना जिसे सोचकर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाती हो ?
जवाब : अभी तक तो कोई ऐसी घटना नहीं हुई है। मैं भी उसका इंतजार कर रहा हूँ। हाँ, जब अंजान लोग मेल भेज कर किताब के बारे में बताते हैं तब बहुत खुशी मिलती है।
सवाल 13 : साहित्य के क्षेत्र में मीडिया और इंटरनेट की भूमिका आप कैसी मानते हैं ?
जवाब : आजकल के समय में तो साहित्य ही क्या हर क्षेत्र में मीडिया और इंटरनेट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। आज सबके हाथ में इंटरनेट है और लोगों को गूगल करने में जरा भी समय नहीं लगता है। आज जब बॉलीवुड अपनी फ़िल्मों के प्रोमो नेट पर रिलीज करने लगा है तो समय आ चुका है कि साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए भी इंटरनेट का पूरा उपयोग होना चाहिए।
सवाल 14 : वर्तमान में आप किस प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं ?
जवाब : अभी तो मैं एक कहानी संग्रह लिख रहा हूँ। जिसमें हमारे आस-पास की कहानियाँ होंगी। इसके अलावा कुछ एक किताबों के अनुवाद का काम भी चल रहा है।
सवाल 15 : नए लेखकों को मार्गदर्शन के लिए आप क्या सलाह देना चाहेंगे ?
जवाब : नए लेखकों से मैं यह कहना चाहूँगा कि कुछ भी लिखने से पहले खूब पढ़ें और जब लिखें तो खूब लिखें। लिखना एक अभ्यास है जो समय के साथ परिपक्व होता है।
सवाल 16 : अंत में पाठकों को क्या सन्देश देना चाहेंगे ?
जवाब: पाठकों से मैं यही कहूँगा कि हिन्दी की किताबें खूब पढ़ें। किसी भी लेखक की किताब सिर्फ़ यह समझ कर किनारे ना कर दें कि वो नया लेखक है। हर लेखक पहली बार नया ही होता है। इसके अलावा लेखकों को उनकी कमियाँ भी बताऐं। आजकल तो हर लेखक आसानी से उपलब्ध है। और जब किताब पढ़ने का मन बना ही लिया है तो मेरी ‘’The चिरकुट्स’’ भी पढ़ें।
सवाल 1 : अपने जीवन के अब तक के सफर के बारे में बताएं ।
जवाब : मेरे जीवन का अब तक का सफ़र किसी भी आम मिडिल क्लास फ़ेमिली के सामान्य लड़के जैसा ही रहा है। मैंने अपनी स्कूल की पढ़ाई दिल्ली में पूरी की और उसके बाद झांसी के BIET इंजीनियरिंग कालेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। फ़िर नौकरी की तलाश मुझे बैंगलोर ले आई और आजकल मेरा पड़ाव वहीं है।
सवाल 2 : आपको लेखन की प्रेरणा कब और कहाँ से मिली ? आप कब से लेखन कार्य में संलग्न हैं ?
जवाब : यदि डायरी के पन्नों को काला करने की प्रक्रिया को लेखन माने तब तो मैं स्कूल के समय से ही लिख रहा हूँ। इसके अतिरिक्त मैं अपने कालेज की पत्रिका के संपादक की भूमिका निभा चुका हूँ और सच कहूँ तो तभी से मैंने लेखन को सीरियसली लिया।
सवाल 3 : लेखन के अलावा आपके शौक और क्या-क्या हैं ?
जवाब : अच्छी किताबें पढ़ना।
सवाल 4 : आपकी पहली रचना क्या थी ? वह कब लिखी गई ?
जवाब : डायरी के पन्नों में कलम घिसते समय मैंने कक्षा छ: में एक साईंस फ़िक्शन लिखा था। वो कहानी आज भी मैंने संभाल कर रखी हुई है।
सवाल 5 : आपके परिवार और दोस्तों की आपके काम पर क्या राय रहती है और उनसे कितना सहयोग मिलता है ?
जवाब : शुरु में तो वही मिडिल क्लास का फ़िक्स डायलाग सुनने को मिला- ''लिखने से पेट नहीं भरता है इसलिए कुछ काम करो।'' मैंने भी उस बात को मानते हुए पहले नौकरी पकड़ी और उसके बाद लिखने पर ध्यान लगाया। आज जब मेरी पहली किताब आ चुकि है तो सभी बहुत प्रसन्न हैं और कुछ लोग तो दूसरी किताब के बारे में भी सवाल करने लगे हैं।
सवाल 6 : आप अपने जीवन में सबसे ज़्यादा किससे प्रभावित है और किसे अपना रोल मॉडल मानते हैं ?
जवाब: अपनी माँ को।
सवाल 7 : आपका पसंदीदा स्पोर्ट, फिल्म, बॉलीवुड / हॉलीवुड कलाकार कौन है ?
जवाब : स्पोर्ट्स खेलने में तो मैं एकदम फ़िसड्डी हूँ। हाँ, कालेज में टेबल टेनिस पर कुछ हाथ जरूर आजमाया था लेकिन उसके बाद वो भी छूट गया। फ़िल्मों में मधुर भंडारकर और अनुराग कश्यप की फ़िल्में पसंद हैं। और बॉलीवुड में नवाजुद्दीन सिद्दकी, अनुपम खेर, इरफ़ान, जैसे कलाकार तो वहीं हॉलीवुड में निकोलस केज और टाम क्रूज जैसे कलाकार पसंद हैं।
सवाल 8 : आपकी रचनाओं के किरदार आप कहाँ से चुनते हैं?
जवाब : अपने आस-पास के लोगों के बीच से।
सवाल 9 :कोई ऐसी रचना जिसने लेखन या पढ़ने के दौरान आपके मन को सबसे ज़्यादा प्रभावित किया हो?
जवाब: राग दरबारी और गुनाहों का देवता
सवाल 10 : हिंदी साहित्य का भविष्य आप कैसा देखते हैं ?
जवाब : वैसे तो सौ करोड़ से अधिक हिन्दी भाषी लोगों के देश में यह सवाल होना ही नहीं चाहिए। लेकिन कुछ समय पहले तक यह एक बहुत महत्वपूर्ण और चिंताजनक प्रश्न हो चुका था। लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल रही हैं। लोग हिन्दी की किताबें पढ़ने लगे हैं और मुझे पूरा यकीन है कि आने वाले सालों में हिन्दी साहित्य अपना मुकाम जरूर हासिल कर लेगा।
सवाल 11 : आपकी किताब ‘’The चिरकुट्स’’ के बारे में कुछ बताइए।
जवाब : ‘’The चिरकुट्स’’ चार दोस्तों की कहानी है जो पहली बार कालेज में मिलते हैं और रैगिंग के भूत से निपटते हुए उन्हें ‘चिरकुट्स’ का यह खिताब मिलता है। इन चारों की कालेज में की गई मस्ती और फ़िर अपने ही एक साथी को उसके प्यार से मिलवाने की जद्दोजहद की दास्तान है यह किताब। मुझे पूरा यकीन है कि इसे पढ़ते हुए पाठकों को उनके कालेज के मस्ती भरे दिन जरूर याद आ जाऐंगे। इसके साथ ही इसमें एक खास संदेश भी है।
सवाल 12 : किताबों / लेखन से जुड़ी आपके जीवन की कोई मज़ेदार घटना जिसे सोचकर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाती हो ?
जवाब : अभी तक तो कोई ऐसी घटना नहीं हुई है। मैं भी उसका इंतजार कर रहा हूँ। हाँ, जब अंजान लोग मेल भेज कर किताब के बारे में बताते हैं तब बहुत खुशी मिलती है।
सवाल 13 : साहित्य के क्षेत्र में मीडिया और इंटरनेट की भूमिका आप कैसी मानते हैं ?
जवाब : आजकल के समय में तो साहित्य ही क्या हर क्षेत्र में मीडिया और इंटरनेट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। आज सबके हाथ में इंटरनेट है और लोगों को गूगल करने में जरा भी समय नहीं लगता है। आज जब बॉलीवुड अपनी फ़िल्मों के प्रोमो नेट पर रिलीज करने लगा है तो समय आ चुका है कि साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए भी इंटरनेट का पूरा उपयोग होना चाहिए।
सवाल 14 : वर्तमान में आप किस प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं ?
जवाब : अभी तो मैं एक कहानी संग्रह लिख रहा हूँ। जिसमें हमारे आस-पास की कहानियाँ होंगी। इसके अलावा कुछ एक किताबों के अनुवाद का काम भी चल रहा है।
सवाल 15 : नए लेखकों को मार्गदर्शन के लिए आप क्या सलाह देना चाहेंगे ?
जवाब : नए लेखकों से मैं यह कहना चाहूँगा कि कुछ भी लिखने से पहले खूब पढ़ें और जब लिखें तो खूब लिखें। लिखना एक अभ्यास है जो समय के साथ परिपक्व होता है।
सवाल 16 : अंत में पाठकों को क्या सन्देश देना चाहेंगे ?
जवाब: पाठकों से मैं यही कहूँगा कि हिन्दी की किताबें खूब पढ़ें। किसी भी लेखक की किताब सिर्फ़ यह समझ कर किनारे ना कर दें कि वो नया लेखक है। हर लेखक पहली बार नया ही होता है। इसके अलावा लेखकों को उनकी कमियाँ भी बताऐं। आजकल तो हर लेखक आसानी से उपलब्ध है। और जब किताब पढ़ने का मन बना ही लिया है तो मेरी ‘’The चिरकुट्स’’ भी पढ़ें।
सर अपने क़ीमती वक़्त से हमारे इंटरव्यू के लिए वक़्त देने के लिए आपका बहुत
शुक्रिया। इस इंटरव्यू के माध्यम से हमें आपको और आपके काम के बारे में
जानने का मौक़ा मिला। आपके द्वारा दी गई महत्वपूर्ण
जानकारियां लेखकों और पाठकों के लिए बहुत
उपयोगी साबित होंगी। हम उम्मीद करते हैं भविष्य में भी आप लगातार साहित्य
जगत में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे और हम आपके बेहतरीन लेखन से
रूबरू होते रहेंगे। हमारी हार्दिक शुभकामनायें।
शहाब ख़ान
©Nazariya Now
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